धूप में अक्सर सिर को बांध कर ही निकलती हैं लड़कियां, जानिए क्यों!



अनियमित जीवनशैली के चलते कई बार पीड़ित खुद ही सिरदर्द को न्यौता दे देता है। इससे दिनभर की गतिविधियों पर भी बुरा असर पड़ता है, इसलिए इनसे बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
क्या आपको अक्सर सिरदर्द की शिकायत बनी रहती है तो इसके लिए आपकी लापरवाही भी जिम्मेदार हो सकती है। पेनकिलर्स पर निर्भरता बढ़ाने की जगह इसके लिए जिम्मेदार असल कारणों को जानना चाहिए।


गीले बाल
नहाने के बाद बालों को अच्छी तरह सुखाने के बाद ही उन्हें बांधना चाहिए। जब बालों की जड़ में नमी रहती है तो स्कल्प यानी सिर की त्वचा में ठंडक बनी रहती है। ऐसे में सिरदर्द की शिकायत होना स्वाभाविक है, इसलिए बालों को बांधने से पहले उन्हें हमेशा पूरी तरह अच्छे से सुखा लेना चाहिए।

तेज धूप

धूप में निकलने से पहले सिर को हमेशा हैट या किसी कपड़े से ढांककर ही निकलना चाहिए। जब स्कल्प पर बहुत ज्यादा गर्मी पहुंचती है तो सिरदर्द होने लगता है। इसके अलावा खाली पेट धूप में निकलने से भी सिरदर्द होता है, इसलिए भोजन करके और साथ में पानी की बॉटल लेकर ही निकलना चाहिए।

ठंडे पेय/खाद्य पदार्थ

आइसक्यूब या बहुत ठंडा कुछ भी खाने-पीने से भी सिरदर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसे में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि इससे मस्तिष्क थोड़ा-सा सुन्न होने लगता है। जो लोग शराब का अधिक सेवन करने के आदी होते हैं, उन्हें भी यह समस्या झेलनी पड़ती है।
लेटकर किताब पढ़ना

लेटकर किताब पढ़ना

कुछ लोगों की आदत होती है कि रात में लेटकर ही किताब पढ़ते हैं, लेकिन यह तरीका बहुत गलत है। इससे आंखों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। इसलिए हमेशा बैठकर ही किताब पढ़नी चाहिए। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कमरे में रोशनी की उचित व्यवस्था हो।

कम नींद

यदि आप अनियमित जीवनशैली के चलते पूरी नींद नहीं ले पाते हैं तो भी सिर में दिनभर दर्द होता रहता है। ऐसे में जरूरी है कि छह से सात घंटे की नींद हर हाल में पूरी करें। सोने और जागने का समय भी निश्चित होना चाहिए, ताकि दिमाग और शरीर रिलैक्स रहें।

बिपाशा बसु :- धूप में अक्सर अपने सिर को बांध कर ही निकलती हैं, ताकि सिरदर्द न हो।
Source - bhaskar

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